प्रेरणादायक कहानी

विक्रम संवत 1781 में प्रयागराज इलाहाबाद कुंभ में घटित एक सच्ची घटना

प्रयागराज इलाहाबाद में त्रयोदशी के कुंभ स्नान का पर्व-दिवस था। कुंभ में कई अखाड़ेवाले, जति-जोगी, साधु-संत आये थे। उसमें कामकौतुकी नामक एक ऐसी जाति भी आयी थी जो भगवान के लिए ही राग-रागिनियों का अभ्यास किया करती थी तथा भगवद्‌गीत के सिवाय और कोई गीत नहीं गाती थी। उन्होंने भी अपना गायन- कार्यक्रम कुंभ मेले […]

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सरदार वल्लभ भाई पटेल की निर्भयता

सरदार वल्लभभाई पटेल बोरसद से करीब 40 कि.मी. दूर, नडियाद पढ़ने गये। उनमें देशप्रेम, सत्यनिष्ठा और न्यायप्रियता बचपन से ही विद्यमान थीं।एक दिन उन्होंने देखा कि हमें पढ़ानेवाले शिक्षक अग्रवाल, प्रधानाध्यापक भरूचीया साहब के साथ गपशप लगा रहे हैं। बच्चे पढ़ने के लिए आये हैं और शिक्षक लोग कार्यालय में ठहाके मारकर हँस रहे हैं,

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शुमार जान डी

दुनिया के सर्वाधिक धनाढ्य व्यक्तियों में शुमार जॉन डी. रॉकफेलर का – जन्म सन् 1839 में अमेरिका में हुआ। वे बहुत पढ़े-लिखे तो नहीं थे, पर उनके मन में ऊँचा उठने और तरक्की करने की तीव्र ललक थी। अपनी युवावस्था में ही उन्होंने तेल-व्यवसाय के क्षेत्र में अपना कदम रखा और दिन-रात कड़ी मेहनत करते

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वीर शिवाजी महाराज 🙏

बात उन दिनों की है, जब शिवाजी मुगलों के विरुद्ध छापामार युद्ध लड़ रहे थे। एक दिन वे छिपते-छिपाते एक वनवासी बुढ़िया की झोंपड़ी पर पहुँचे और उससे भोजन की प्रार्थना की। बुढ़िया ने प्रेमपूर्वक खिचड़ी बनाकर उन्हें परोस दी। शिवाजी को भूख बहुत जोरों से लगी थी, इसलिए जल्दी से खाने की आतुरता में

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